एकवीस मी सदी एटली नथारी हशे,
ऑगणे तुलसी नहीं तमाकू नी क्यारी हशे,
लोको नी कड़वास भरी वाणी हशे,
एकवीस मी सदी.....
भूली जाओ इ भारतीय सँस्क्रूति ने,
पत्नि पति करता पड़ोशी ने प्यारी हशे!
एकवीस मी सदी.....
भर बजारे सभ्यता पर खिल्ली उड़शे,
आ वात जानी लोको ने मोज पडसे!
एकवीस मी सदी.....
माणस माणस ने मारसे,
तलवार थी एक बिजने कापसे,
तलवार अणुबोम्ब माँ फेरवासे,
दुनिया नो विनाश सर्जशे!
एकवीस मी सदी.....
धर्मशास्त्रना भावो घटी जसे,
फेशनशास्त्रना भावो वथसे,
भुलाई जसे इश्वर भगवान् ना इ नामो,
फेशनस्टार ना नामो याद रेशे!
एकवीस मी सदी.....
आ युग पछि फरि सत युग आवशे,
इश्वर भगवान् ना नाम फरि याद आवशे,
माणस माणस मित्र बनशे,
पशू साथे पन मैत्रि बाधसे!
एकवीस मी सदी.....
~ प्रतिक (निशान)
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