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આજનો મોરલાનો ટહુકો......

Saturday, April 4, 2015

जिसे तू कुबूल कर ले वह अदा कहाँ से लाऊँ
तेरे दिल को जो लुभाए वह सदा कहाँ से लाऊँ

मैं वो फूल हूँ कि जिसको गया हर कोई मसल के
मेरी उम्र बह गई है मेरे आँसुओं में ढल के
जो बहार बन के बरसे वह घटा कहाँ से लाऊँ

तुझे और की तमन्ना, मुझे तेरी आरजू है
तेरे दिल में ग़म ही ग़म है मेरे दिल में तू ही तू है
जो दिलों को चैन दे दे वह दवा कहाँ से लाऊँ

मेरी बेबसी है ज़ाहिर मेरी आहे बेअसर से
कभी मौत भी जो मांगी तो न पाई उसके दर से
-साहिर लुधियानवी

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