ગઝલ,લોકગીત,શેર-સાયરી,કવિતા,ઉર્મિગીત વગેરે તમારી કૃતિ અમને મોકલી આપો તમારા નામ સાથે બ્લોગમા પોસ્ટ કરશું.વોટ્સએપ +91 9537397722/ 9586546474 પર

આજનો મોરલાનો ટહુકો......

Thursday, April 2, 2015

मैं चाहता भी यही था वो बेवफ़ा निकले
उसे समझने का कोई तो सिलसिला निकले

किताब-ए-माज़ी के औराक़ उलट के देख ज़रा
न जाने कौन-सा सफ़्हा मुड़ा हुआ निकले

जो देखने में बहुत ही क़रीब लगता है
उसी के बारे में सोचो तो फ़ासिला निकले
-वसीम बरेलवी

No comments:

Post a Comment