🍥जिसको आज मुझमें हज़ारों गलतियां नज़र आती है....
कभी उसी ने कहा था "तुम जैसे भी हो, मेरे हो"
🍥हम तो सोचते थे की लफ्ज ही चोट करते है.
पर कुछ लोगों की खामोशियों के जख्म तो और भी गहेरे निकले..!
🍥गलत सुना था कि, इश्क आँखों से होता है..
दिल तो वो भी ले जाते है, जो पलकें तक नही उठाते।।।
🍥कहा जो उसने मुझसे खामोशी हे पसंद
मैंने शोर मचाती अपनी धड़कने रोक दी,!!
🍥अब शिकायतेँ तुम से नहीँ खुद से है
माना के सारे झूठ तेरे थे..
लेकिन उन पर यकिन तो मेरा था.
-નીતા દવે 'નીત'
(આભાર)
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