मेरे शब्दो को इतनी शिद्दत से ना पढा करो, कुछ याद रह गया तो हमे भूल नही पाओगे...
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कितने ही सुलझ जाये अपने से हम
पर,ना जाने क्युं ये जिंदगी अपनी बांहो में ऊलझा ही लेती हैं......
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