ગઝલ,લોકગીત,શેર-સાયરી,કવિતા,ઉર્મિગીત વગેરે તમારી કૃતિ અમને મોકલી આપો તમારા નામ સાથે બ્લોગમા પોસ્ટ કરશું.વોટ્સએપ +91 9537397722/ 9586546474 પર

આજનો મોરલાનો ટહુકો......

Thursday, May 21, 2015

दिलों में आग लबों पर गुलाब रखते हैं सब अपने चेहरों पे दोहरी नका़ब रखते हैं

दिलों में आग लबों पर गुलाब रखते हैं
सब अपने चेहरों पे दोहरी नका़ब रखते हैं

हमें चराग समझ कर बुझा न पाओगे
हम अपने घर में कई आफ़ताब रखते हैं

बहुत से लोग कि जो हर्फ़-आश्ना भी नहीं
इसी में खुश हैं कि तेरी किताब रखते हैं

ये मैकदा है, वो मस्जिद है, वो है बुत-खाना
कहीं भी जाओ फ़रिश्ते हिसाब रखते हैं

हमारे शहर के मंजर न देख पायेंगे
यहाँ के लोग तो आँखों में ख्वाब रखते हैं
-राहत इन्दौरी

No comments:

Post a Comment