हर कदम पे होंसला लिए जा रहै है हम।
आँखो में ज्वाला,
आव़ाज मै पहेचान,
दिल मै जिगरा लिए जा रहै है हम।
कबूल है राह-ए-ग़ज़ब कोई भी तूफ़ान
हाथों मै मशाल,
नजर मै तूफान,
कंधो पे क़यामत लिए जा रहै है हम।
ये जान है अमानत मेरी जन्मभूमि की
शिर पे कफ़न,
जहन मै ईमान
इरादों में अंजाम लिए जा रहै है हम।
- गजेन्द्रसिंह झाला 'गझब'
(My Dear Friend)
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