तु नहीं हो तो जगत अाखुं ज भ्रमणा लागशे
झांझवा हो के झरण सौ एकसरखा लागशे
एे जुदाई तो पछी साची जुदाई लागशे
स्वपन मां जोशुं तने तो पण नवाई लागशे
प्रेम ना पंथे जईश तो लागशे पथथर मने
रुप ना रस्ते जईश तो तारा पायल लागशे
माञ माटी ना बनेला छे अहीं सौ मानवी
सौ अहीं थोडाघना तो मन ना मेला लागशे
तें घडया छे सरखा एे ज तारी भूल छे
हो न जेमां माणसाई एेय माणस लागशे
थई जशे पोते दिलासा जिंदगी ना दुःख बधा
अा जगत जे जे सितम करशे, अनुभव लागशे
एे पछी भ्रमणा नहीं साची मोहब्बत लागशे
खोई देशो कोई ने ने तोये अंगत लागशे |
-unknown
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