ગઝલ,લોકગીત,શેર-સાયરી,કવિતા,ઉર્મિગીત વગેરે તમારી કૃતિ અમને મોકલી આપો તમારા નામ સાથે બ્લોગમા પોસ્ટ કરશું.વોટ્સએપ +91 9537397722/ 9586546474 પર

આજનો મોરલાનો ટહુકો......

Monday, August 24, 2015

आंधिया गम की चलेंगी तो संवर जाऊँगा,
मै तेरी जुल्फ नहीं जो बिखर जाऊँगा..
तुझसे बिछडा तो मत पूछो किधर जाऊँगा,
मै तो दरिया हू समुन्दर में उतर जाऊँगा..
नाखुदा मुझसे न होगी ये खुशामद तेरी,
मै वो खुद्दार हू कश्ती से उतर जाऊँगा..
मुझको सूली पे चढाने की जरुरत क्या है,
मेरे हाथो से कलम छिन लों मर जाऊँगा..
मुझको दुनिया से 'जफ़र' कौन मिटा सकता है,
मै तो शायर हू किताबो में बिखर जाऊंगा..
.
.
.
.
"बहादुर शाह जफ़र"

No comments:

Post a Comment