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આજનો મોરલાનો ટહુકો......

Saturday, October 17, 2015

अब ओर मेरे दिल मे गुंजाइश नहि -आभास

अब ओर मेरे दिल मे गुंजाइश नहि,
दर्द ही दर्द है प्यार की गुंजाइश नहि।

ढल गया हुं मेरे हालात के मुताबिक,
अब किस्मत से कोई खलीश नहि।

जो भी देना हो आके दे जाना,
समज लेना यह मेरी गुजारिश नहि।

आप को देखके आई है मुश्कुराहट,
यह सच्ची है कोइ नुमाइश नहि।

जो भी लीखता हुं दिल से लीखता हुं,
शब्द की यह कोई परवरिश नहि।

देखले जो भी हुं तेरे सामने हुं खुदा,
"आभास " की यै कोइ आराइश नहि।

-आभास

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