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આજનો મોરલાનો ટહુકો......

Tuesday, May 2, 2017

नइ  सोच  लेकर जमाने  चले - मासूम मोडासवी

नइ  सोच  लेकर जमाने  चले
फने  राजे  हस्ती  बताने  चले

बढी इख्तलाफात की ये रंजीशें
तअस्सुब  को आगे बढ़ाने चले

दिलों मेअदावत का जज्बा लीये
गलेसे  हम  सभीको लगाने चले

रही  जीनकी फीतरत में बरहमी
वो  बातें  अमन की  चलाने चले

हकिकत को जुठलाने  की चालमें
आलम को  हम  क्या दीखाने चले

नया दौर  आया है कैसा ये मासूम
हम  लुटी अस्मतो को बचाने चले।

- मासूम मोडासवी

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