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આજનો મોરલાનો ટહુકો......

Saturday, January 28, 2017

उसका क्या ? - ख़लील धनतेजवी

दिल तो आख़िर दिल ही ठहरा, कहीं भी भटके उसका क्या
शहर में मेरी बदनामी के होंगे चर्चे उसका क्या ?

तुमने तो रो रो के दुपट्टे पानी पानी कर डाले
हम भी दिल को थाम के रोये चुपके चुपके उसका क्या ?

सुब्ह की सारी किरनें उसने अपने नाम पे लिखवा ली
हम भी सारी रात गये तक जागते बैठे उसका क्या ?

तूने जिनके नाम बताए, वो तो ख़ैर ऐसे ही थे
कुछ लोगों ने तेरे हाथ में पत्त्थर देखे उसका क्या ?

सब को हमारा रहनसहन और खानापीना दीखता है
हमने अपने कच्चे पक्के सपने बेचे उसका क्या ?

हमने ' ख़लील ' अपनी ज़ानिब से सब के सुखदुःख बाँटे है
कोई हमारी भोलीभाली खुशियाँ लूटे उसका क्या ?
- ख़लील धनतेजवी

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