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આજનો મોરલાનો ટહુકો......

Saturday, January 28, 2017

वेदना आजे य अलगारी रही - भरत भट्ट..

वेदना आजे य अलगारी रही
ना रही तारी के ना मारी  रही

दोडवानी आपणी ईच्छा हजी
सामटा रस्ताने शणगारी रही

कांई कहेवानुं  नथी बीजुं कशुं
वाणी मनमां मौन विस्तारी रही

हुं बधा संजोगमां हसतो रह्यो
केटली मोहक कलाकारी रही

पूर्व पर  पछडाट मूकीने पछी
आंख सपनाओने ओवारी रही

- भरत भट्ट

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