ऐसा जगा दीया है जज्बा खुमार का
सदमे उठा रहा हुं तेरे इन्तजार का
अबतो करम से अपने हस्ती संवार दे
तेरे बीना अधुरा कटे दीन बहार का
सजके अपना जल्वा दीखाते रहे मगर
पुरा तुअबतो करमेराअरमां करार का
कटता नहीं तनहा सफर इतना जानले
रस्ता मिलाले अबतो मेरी रेहगुजार का
मासूम निसार करगया तुमपे हयात को
अबतो संवार जीना तु अपने यारका
- मासूम मोडासवी
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